रवींद्रनाथ टैगोर का जीवन: कैसे एक साधारण परिवार से निकलकर बने साहित्य के सितारे

रविंद्र नाथ टैगोर का जीवन परिचय

Rabindranath Tagore : दोस्तों आज हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जो चाहते तो अपनी जिंदगी बड़े आराम से सुखी सुविधाओं के साथ व्यतीत कर सकते थे परंतु उन्होंने अपने देश के लिए और इस समाज के लिए उन सब सुखों को त्याग कर एक देशभक्त के रूप में अपना जीवन बिताया उन्होंने अपने जीवन में ऐसे ऐसे कार्य किए हैं कि लोग अपने सपने में भी करने की वह सब सोचते हैं।

उन्होंने दो देशों का राष्ट्रगीत लिखा हुआ है एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने एशिया में सबसे पहले नोबेल पुरस्कार पाने की उपलब्धि को प्राप्त किया दोस्तों उस व्यक्ति का नाम रविंद्र नाथ टैगोर है रविंद्र नाथ टैगोर का जन्म 7 में 1861 को कोलकाता में हुआ था इनके पिता का नाम देवेंद्र नाथ टैगोर था तथा उनकी माता का नाम शारदा देवी था इनकी माता जी की मृत्यु बचपन में ही हो गई थी और उनके पिता घूमने के बहुत शौकीन आदमी थे।

इसीलिए इनका लालन पोषण उनके घर में उनके नौकरों के द्वारा ही हुआ उनके घर पर उनके पिता के द्वारा संगीतकार लेखक कर बहुत सारे अध्यापक जाकर इन सब को शिक्षा देते थे रविंद्र नाथ टैगोर की आरंभिक शिक्षा उस समय की प्रतिष्ठित सेंट जेवियर स्कूल से हुई थी। फिर जब यह बड़े हुए तो बैरिस्टर बनने की इच्छा में 1878 में यह इंग्लैंड के ब्रिज टन में पब्लिक स्कूल में दाखिला ले लिए और एक वकील बनकर भारत लौट आए।

Biography of Rabindranath Tagore In Hindi
Biography of Rabindranath Tagore In Hindi

यह पेशे से एक लेखक कभी नाटककार, संगीतकार और चित्रकार थे। यह एक सच्चे देशभक्त भी थे समाज सुधारक भी थे उनकी पत्नी का नाम मृणालिनी देवी था रविंद्र नाथ टैगोर जाति से एक हिंदू ब्राह्मण थे रविंद्र नाथ टैगोर को उनकी महान उपलब्धियां के लिए कई सारे उपनाम भी दिए गए हैं जिसमें गुरुदेव ,विश्व कवि,भानु सिंह, बंगाल का बाड्र, आदि बहुत सारे नाम हैं।

रविंद्र नाथ टैगोर की प्रमुख कृतियों में गीतांजलि विश्व भारती विश्वविद्यालय शांतिनिकेतन आदि हैं रविंद्र नाथ टैगोर को उनकी महान कार्य के लिए 1915 में जॉर्ज पंचम ने इन्हें नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया था। रविंद्र नाथ टैगोर एशिया के पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया रविंद्र नाथ टैगोर के चार बच्चे थे।

जिनमें से दो की मृत्यु बचपन में ही हो गई रविंद्र नाथ टैगोर दुनिया के एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने दो राष्ट्र का राष्ट्रगान लिखा है। रविंद्र नाथ टैगोर ने बांग्लादेश का अमार सोनार बांग्ला तथा भारत का जन गण मन राष्ट्रगान लिखा है चलिए दोस्तों आपको रविंद्र नाथ टैगोर के जीवन से संबंधित कुछ बताते हैं।

Biography of Rabindranath Tagore In Hindi
Biography of Rabindranath Tagore In Hindi

रविंद्र नाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार किसके लिए मिला था?

रविंद्र नाथ टैगोर को गीतांजलि के लिए 1913 में नोबेल पुरस्कार मिला था।

रविंद्र नाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार कब मिला?

रविंद्र नाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार 1913 में साहित्य के क्षेत्र में मिला।

रविंद्र नाथ टैगोर का पेशा क्या था?

रविंद्र नाथ पैसे से लेखक कभी नाटककार संगीतकार तथा चित्रकार थे।

रविंद्र नाथ टैगोर की प्रमुख कृतियां कौन-कौन सी हैं?

रविंद्र नाथ टैगोर का प्रमुख कृतियां गीतांजलि, विश्व भारती ,शांतिनिकेतन।

रविंद्र नाथ टैगोर को नाइटहुड की उपाधि से कब सम्मानित किया गया?

रविंद्र नाथ टैगोर को 1915 में जॉर्ज पंचम के द्वारा नाइटहुड की उपाधि से सम्मानित किया गया।

रविंद्र नाथ टैगोर ने कितने देश का राष्ट्रगान लिखा है?

रविंद्र नाथ टैगोर ने दो देशों का राष्ट्रगान लिखा है भारत का तथा बांग्लादेश का।

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निस्कर्ष:

दोस्तों हम रविंद्र नाथ टैगोर के जीवन से यह सीख सकते हैं कि अगर व्यक्ति कुछ भी चाहे तो अपने जीवन में कर सकता है क्योंकि जिस समय रविंद्र नाथ टैगोर भारत में जन्म लिए थे उस समय भारत में अंग्रेजों का शासन था और ऐसी कोई बात नहीं थी। कि रविंद्र नाथ टैगोर एक गरीब घर में जन्म लिए थे।

लेकिन उनका लालन पोषण उनके नौकरों के द्वारा किया गया था बिन मां बाप के बच्चे वैसे तो बिगड़ जाते हैं लेकिन उन्होंने अपने करियर और जीवन में बहुत अच्छा मुकाम पाया रविंद्र नाथ टैगोर ने एशिया में सबसे पहली बार नोबेल पुरस्कार पाया एक बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल की तथा उन्होंने दो देशों का राष्ट्रगान लिखा।

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यह उनके लिए और भी बड़ी सम्मान वाली बात है उन्होंने अपने जीवन में अनेक महान कार्य किया इसीलिए महात्मा गांधी ने भी उन्हें सर की उपाधि से सम्मानित किया अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

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