Biography Of Kapil Dev: जाने कैसे बने भारत के पहले वर्ल्ड कप विजेता कप्तान

कपिल देव बायोग्राफी (Biography Of Kapil Dev)

Kapil Dev: कपिल देव भारत के एक पूर्व खिलाड़ी हैं जो कि भारतीय टीम में एक मुख्य ऑलराउंडर की भूमिका निभाते थे। इनका जन्म 6 जनवरी 1949 को हुआ था। उनकी गणना भारत के महान खिलाड़ियों में होती है यह भारत के कप्तान भी रह चुके हैं इन्हीं की कप्तानी में भारत ने सन 1983 का वर्ल्ड कप जीता था पहली बार।

वह बिस्डेन के द्वारा सन 2002 में सदी के महान भारतीय क्रिकेटर का अवार्ड पाने वाले व्यक्ति बने वह भारत के 10 माह तक के लिए कोच भी रहे हैं। कपिल देव का विवाह सन 1980 में रोमी भाटिया से हुआ जिनसे उनको एक बेटी हुई 1996 में जिसका नाम अमिया देव है।

क्रिकेट करियर

उन्होंने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत सन 1975 में हरियाणा की तरफ से घरेलू क्रिकेट खेल कर किया वह एक बहुत ही अच्छे ऑलराउंडर थे। वह एक सीधे हाथ के बल्लेबाज तथा सीधे हाथ के तेज गेंदबाज थे वह भारत के लिए अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू 16 अक्टूबर 1978 को पाकिस्तान के खिलाफ फैसलाबाद में किया।

Biography Of Kapil Dev
Biography Of Kapil Dev

यह श्रृंखला उनके लिए बिल्कुल ही अच्छी नहीं रही। परंतु अपने आने वाले माचो में उन्होंने बेहद ही अच्छा प्रदर्शन किया और उन्होंने अपने प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम में अपनी जगह निश्चित कर लिया। उन्होंने वर्ष 1982- 83 में श्रीलंका के खिलाफ अपने कप्तानी पद का पहली बार अवसर पे तब वह एक औसत खिलाड़ी थे इस समय उन्हें विश्व कप में भारत की कप्तानी करने का मौका मिला और उन्होंने अपने अविश्वसनीय मैच विनिंग परियों और अपनी अद्भुत कप्तानी के प्रदर्शन से भारत को पहली बार विश्व कप जीता दिया और वह रातों-रात एक स्टार क्रिकेटर बन गए।

मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में उन्होंने सन 1992 में अपना आखरी वर्ल्ड कप तथा अपना आखिरी मैच भी खेला। 1983 के वर्ल्ड कप में उन्होंने जिंबॉब्वे देश के खिलाफ 175 रनों की और विश्वसनीय पारी खेली जिसके कारण भारत वह मैच जीत अगर भारत व मैच हार जाता तो वह वर्ल्ड कप से बाहर हो जाता है।

परंतु कपिल देव ने अपनी अविश्वसनीय परी से भारत को वह मैच ही नहीं जिताया बल्कि उसे समय का सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर वनडे क्रिकेट में बनाकर रिकॉर्ड बना दिया कपिल देव ने एकदिवसीय माचो में एक तथा टेस्ट क्रिकेट में आठ शतक लगाए।

Biography Of Kapil Dev
Biography Of Kapil Dev

क्रिकेट से रिटायर होने के बाद

क्रिकेट से 1994 में रिटायर होने के बाद कपिल देव को भारत का सन 1999 में प्रशिक्षक के रूप में चुना गया परंतु उसे समय भारत का प्रदर्शन उतना खास नहीं रहा वह केवल एक टेस्ट मैच ही जीत सके और दो बड़ी-बड़ी श्रृंखलाएं हार गई तथा इस समय उन पर मैच फिक्सिंग का आरोप भी लगा इसीलिए उन्होंने अपने कोच के पद से इस्तीफा दे दिया उन्होंने सन 2005 में खुशी नाम की एक संस्था को स्थापित किया जो कि दिल्ली में तीन स्कूल चलती है और बच्चों को फ्री में शिक्षा प्रदान करती है वह वर्तमान में भी इस फेडरेशन के अध्यक्ष हैं उन्हें भारतीय सेवा में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर सम्मानित किया गया है।

कपिल देव का व्यक्तिगत जीवन

कपिल देव ने सन 1980 में रोमी भाटिया से शादी की थी जिसे उनको 1996 में 16 जनवरी 1996 को एक बेटी की प्राप्ति हुई जिनका नाम अमिया देव है।
कपिल देव सैन 1993 से गोल्फ खेलना शुरू किया।

पुरस्कार

कपिल देव को पद्म श्री ,पदम भूषण, तथा अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। उनको बिस्टेन क्रिकेट ऑफ द ईयर तथा ब्रिस्टेन क्रिकेट ईयर का द सेंचुरी ऑफ़ इंडिया का खिताब भी मिलाया।

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निष्कर्ष:

कपिल देव के जीवन से हम सीख सकते हैं कि कैसे वह एक औसत खिलाड़ी के रूप में भारतीय टीम के कप्तान बने और उन्होंने अपने ऊपर इतना कार्य किया कि उन्होंने एक औसत खिलाड़ी के रूप में ही उसे समय विश्व की सबसे बड़ी बड़ी क्रिकेट टीमों को हराकर भारत को विश्व कप जीता दिया।

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हम उनके जीवन से यह भी सीख सकते हैं कि हमें दबाव में बिखरना नहीं निखरना चाहिए जब भारत को विश्व कप में सबसे जरूरी मैच में जितना था तो भारतीय टीम दबाव में बिखर गई परंतु कपिल देव ने उसे मैच में 175 रनों की अविश्वसनीय अद्भुत पारी खेलकर भारत को वह मैच ही नहीं विश्व कप भी जिताया।

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