परिचय
Albert Einstein: दोस्तों आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने पूरी दुनिया को अपने वैज्ञानिक सिद्धांतों से चौंका दिया वह 20वीं शताब्दी का सबसे महान वैज्ञानिक कहलाया उसने 20वीं शताब्दी में शुरुआत के 20 सालों तक विज्ञान के क्षेत्र में पूरे विश्व पर राज किया उन्होंने अपने जीवन में विज्ञान के ऐसे ऐसे खोज किया कि आज तक वैज्ञानिक उसे पर शोध कर रहे हैं।
उन्हें अपने कार्य के लिए विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया वह एक ऐसे वैज्ञानिक थे कि उनके जाने के बाद उनके दिमाग को जांच करने के लिए उसे एक डॉक्टर ने चुरा लिया। ऐसा कहा जाता था कि वह वैज्ञानिक सामान्य लोगों से बहुत ज्यादा बुद्धिमान थे ऐसा कहना बहुत मामलों में उचित भी था।
उनका जन्म जर्मनी में हुआ था जब वहां पर हिटलर ने अपने अत्याचार से यह यहुदीयो पार अत्याचार करने लगा तो वह वहां से भाग के अमेरिका चले आए और वहीं पर अपने सभी कार्य किया और सदी के सबसे महान वैज्ञानिक बन गए।
लेकिन वह शुरू से उतना बुद्धिमान नहीं थे वह बचपन में इतने मंद बुद्धि थे कि लोग उन्हें उनके कमजोर होने पर मजाक उड़ाते थे परंतु उन्होंने अपने दृढ़ निश्चय औरअभ्यास केवल पर दुनिया का सबसे महान वैज्ञानिक बने तो चलिए दोस्तों आज हम आपको उसे महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के बारे में बताते हैं।
अल्बर्ट आइंस्टीन का जीवन
अल्बर्ट आइंस्टीन का जन्म का जन्म 14 मार्च 1879 में जर्मनी में हुआ था वह एक सामान्य परिवार में जन्म लिए थे वह धर्म से यहूदी थे उनके पिता का नाम हरमन आइंस्टीन था तथा उनकी माता का नाम पॉलिन आइंस्टीन था वह बचपन से ही अन्य बालको से अलग थे क्योंकि उनका सर अन्य बालकों की तुलना में काफी ज्यादा बड़ा था और वह अपने बचपन में शुरुआती चार सालों में एक शब्द भी नहीं बोले थे।
उनके माता-पिता को लगा कि वह गूंगा हैं लेकिन जब एक दिन वह अपने माता-पिता के साथ रात्रि का भोजन कर रहे थे तब उन्होंने पहली बार सूप को पीते समय बोला कि यह बहुत गर्म है तभी उन्होंने पहली बार बोला था।
वह जब विद्यालय जाते थे तो अपने अध्यापकों से अजीब अजीब सवाल पूछते थे इसलिए उनके अध्यापक उन्हें मंदबुद्धि का कह कर बोलते थे उन्होंने अपने अध्यापक से पूछा कि मैं अपने बुद्धि का विकास कैसे कर सकता हूं तो उनके अध्यापक ने उनसे कहा कि अभ्यास ही सफलता का मूल मंत्र है।
तब यह बात उनके दिमाग में बैठ गई और वह हमेशा जिस चीज को सीखना चाहते हैं इसका अभ्यास करते रहते। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से भौतिक विज्ञान और गणित में महारथ हासिल कर ली उनका शिक्षा को लेकर यह कहना था की असली शिक्षा वही नहीं है जो आप पढ़ने के बाद भूल जाते हैं और फिर जो आपको याद रहता है वही असली शिक्षा है।
अल्बर्ट आइंस्टीन के सिद्धांत
आज हम आपको अल्बर्ट आइंस्टीन को उनके ऊर्जा द्रव्यमान के सिद्धांत के लिए तथा सापेक्षता के सिद्धांत के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। तो उन्हें जानते हैं अल्बर्ट आइंस्टीन ने जब जर्मनी में रहकर अपने वैज्ञानिक कार्य कर रहे थे तब इस समय वहां का तानाशाह हिटलर जर्मनी में सभी यहूदियों पर अत्याचार करने लगा तो उनको अपना देश छोड़कर अमेरिका जाना पड़ा और वहां के नागरिकता लेकर वहां पर अपने सभी वैज्ञानिक कार्य और सिद्धांतों को प्रतिपादित किया।
विश्व के समक्ष रखा हुआ एक महान वैज्ञानिक थे जब वह दुनियां से चले गए थे तो उनके दिमाग के रहस्य को जानने के लिए उनके दिमाग को निकाल कर चुरा लिया था। वह यह जानना चाहता था कि उनके दिमाग में ऐसा क्या खास था कि वह अन्य लोगों की तुलना में काफी ज्यादा बुद्धिमान थे।
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अल्बर्ट आइंस्टीन और महात्मा गांधी
अल्बर्ट आइंस्टीन ने महात्मा गांधी के बारे में एक बार कहा था कि आने वाले 100 200 सालों में शायद ही लोग यह यकिन होगा की एक मनुष्य ने इतने सारे अंग्रेजों को भारतीय महाद्वीप से अकेले भगा दिया। और इतने सारे बड़े-बड़े आंदोलन किया।
अल्बर्ट आइंस्टीन का आखिरी वक्त
अल्बर्ट आइंस्टीन को उनके भौतिक विज्ञान में किए गए सराहनीय कार्यों के लिए नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया जब वह अपने अंतिम समय में अस्पताल में भर्ती थे तो उन्होंने दुनिया से विदा से पहले कुछ कहा लेकिन जो नर्स वहां पर खड़ी थी वह उनके बोले गए भाषा को जानती ही नहीं थी इसलिए अल्बर्ट आइंस्टीन ने अपने आखिरी वक्त में क्या कहा आज तक किसी को नहीं पता है।
निष्कर्ष:
दोस्तों हम अल्बर्ट आइंस्टीन के जीवन से यह सीख सकते हैं कि आप भले ही कैसे भी हो आपको भगवान ने कैसे भी बनाए हो परंतु यदि आप चाहे तो अपने आप में परिवर्तन करके आप जो चाहे वह बन सकते हैं और पा सकते हैं ।
अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन में एक मंदबुद्धि बालक थे लेकिन उन्होंने अपने आप पर विश्वास रखा और अपने आप पर काम करके लगातार अभ्यास करके अपने आप को दुनिया का सबसे महान तथा बुद्धिमान व्यक्ति में परिवर्तित किया उन्होंने अपने गुरु की बात पर भरोसा रखा।
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जब उन्होंने कहा कि अभ्यास से जिंदगी में कुछ भी संभव हो सकता है तो उन्होंने अभ्यास के बलबूते पर अपनी जिंदगी में बहुत ऊंची ऊंची सफलता को प्राप्त किया हुआ है अल्बर्ट आइंस्टीन एक महान वैज्ञानिक थे जिन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत महान महान कार्य किया।