A. P. J. Abdul Kalam : अबुल पाकिर जैनुलाबुदीन अब्दुल कलाम जो मिसाइल मैन ऑफ इंडिया तथा जनता के राष्ट्रपति के नाम से भी जाने जाते हैं। वह भारत के राष्ट्रपति एक महान वैज्ञानिक तथा एक इंजीनियर के रूप में विख्यात हैं। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने यह सिखाया की चाहे जीवन में कैसी भी परिस्थितियों क्यों ना हो हमें हार नहीं माननी चाहिए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए की जान से कोशिश करनी चाहिए।
अब्दुल कलाम अपने विचारों से आज भी युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं। इन्होंने मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक और इंजीनियर के रूप में डीआरडीओ और इसरो के लिए लगभग 4 दशकों तक कार्य किया तथा यह भारत के राष्ट्रपति के रूप में भी एक कार्यकाल पूरा किया।
इन्होंने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम और सैन्य मिसाइल ऑन तथा बैलिस्टिक मिसिलों के लिए बहुत कार्य किया तथा भारत को एक परमाणु संपन्न देश बनाने के लिए भी इन्होंने बहुत योगदान दिया है इसीलिए इन्हें भारत के सबसे बड़े सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया तो चलिए दोस्तों हम आपको अब्दुल कलाम के जीवन के बारे में कुछ बताते हैं।
अब्दुल कलाम का शुरुआती जीवन
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु राज्य के रामेश्वर जिले के धनुषकोडी गांव में एक मध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ था। इनके पिता जैनुलाबुद्दीन ना तो ज्यादा पढ़े लिखे थे न ही ज्यादा पैसे वाले थे। वह अपना खर्च चलाने के लिए अपनी नाव मछुआरों को किराए पर दिया करते थे।
अब्दुल कलाम संयुक्त परिवार में रहते थे परिवार में सदस्यों की संख्या का अनुमान आप इसी से लगा सकते हैं कि अब्दुल कलाम स्वयं पांच भाई तथा पांच बहन थे और उनके परिवार में तीन परिवार संयुक्त रूप से रहता था।
अब्दुल कलाम के पिता भले ही ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं थे परंतु उनके जीवन पर उनके पिता का बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ा उनकी लगन तथा दिए गए संस्कार उनके जीवन में बहुत काम आए। एक बार जब वह कक्षा पांचवी में पढ़ रहे थे तब उनके अध्यापक विमान कैसे उड़ता है उसके बारे में बता रहे थे।
जब छात्रों को या समझ में नहीं आया तो उनके अध्यापक उन्हें समुद्र के किनारे ले गए और पक्षियों को उड़ता हुआ दिखाकर उन्हें समझाया कि कैसे विमान उड़ता है तभी कलाम ने यह अपने मन में प्राण कर लिया कि वह बड़े होकर विमान के क्षेत्र में ही कार्य करेंगे।
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अब्दुल कलाम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा को जारी रखने के लिए पारिवारिक समस्या होने के कारण अखबार बांटने का कार्य भी किया था। 1950 में उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी से अंतरिक्ष में स्नातक की डिग्री ली। अब्दुल कलाम ने अपने जीवन में भारत के लिए बहुत सारे महत्वपूर्ण कार्य किया वह आजीवन अविवाहित रहे तथा अपना संपूर्ण जीवन भारत के लिए समर्पित कर दिया उनकी मृत्यु 2015 में एक भाषण देते हुए एक स्कूल में हो गई।
अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति कब बने?
अब्दुल कलाम भारत के राष्ट्रपति सन 2002 से 2007 तक थे।
अब्दुल कलाम भारत के कौन से राष्ट्रपति थे?
अब्दुल कलाम भारत के 11 में राष्ट्रपति थे।
अब्दुल कलाम के उपनाम क्या-क्या है?
अब्दुल कलाम को लोग मिसाइल मैन ऑफ इंडिया तथा जनता के राष्ट्रपति के नाम से जानते हैं।
निष्कर्ष:
दोस्तों हम अब्दुल कलाम के जीवन से यह सीख सकते हैं कि यदि आपके जीवन में बहुत सारे परेशानियां है तो आपको हर नहीं माननी चाहिए और अपने सपनों के प्रति काम करते रहना चाहिए अब्दुल कलाम का सपना एक पायलट बनने का था जो की वह पूरा न कर सके लेकिन उन्होंने हार न मानी और अपने जीवन के अंतिम दिनों में जब हुआ राष्ट्रपति बने थे।
तो उन्होंने विमान उड़ना सीख कर अपने इस सपने को अपने जीवन के अंतिम दिनों में पूरा किया तथा उन्होंने यह साबित किया कि सपने देखने की कोई उम्र भी नहीं होती।
उन्होंने अपने जीवन के अंतिम दिनों में अपने सपने को पूरा किया तथा उन्होंने भारत के लिए बहुत सारे अविश्वसनीय कार्य किया उन्होंने भारत को परमाणु संपन्न देश बनाया तथा वह कैसे एक मध्यम वर्गीय परिवार से आकर भारत के राष्ट्रपति बने यह एक लोगों के लिए प्रेरणा से संबंधित स्रोत है अपना कीमती समय देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
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