Shikhar Dhawan: की लाइफस्टाइल, हाइट और पत्नी: जानें उनके बारे में सब कुछ!गब्बर नाम से मशहूर शिखर धवन भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे विस्फोटक बल्लेबाजों में से एक हैं। और शिखर धवन के बल्लेबाजी करने का तरीका यह है कि जब भी वह क्रिकेट ग्राउंड पर बैटिंग करने के लिए आते हैं तो मानो गेंदबाजों के लिए सामत आ जाती है। वह गेंदबाजों की हर एक गेंद को बाउंड्री तक पहुंचाने के लिए कोई भी संकोच नहीं करते हैं। और क्रिज पर आते ही वह अपना विकेट खोने के बिना डर से ही ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करना शुरू कर देते हैं।
शिखर धवन आज के समय में भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख बल्लेबाजों में से एक हैं। इनको भारतीय क्रिकेट टीम में वीरेंद्र सहवाग के रिटायरमेंट के बाद लाया गया था और इन्होंने उन्हीं की तरह अपने बल्लेबाजी से उनकी जगह ले लिया और वह बिल्कुल ही वीरेंद्र सहवाग की तरह बेखौफ अंदाज में बल्लेबाजी करते हैं। शिखर धवन वीरेंद्र सहवाग के बिल्कुल सही उम्मीदवार अपने आप को साबित किया बात किया जाए आईपीएल की तो उन्होंने आईपीएल में बहुत सारी टीमों के लिए खेल है।
आईपीएल 2024 में वह पंजाब की तरफ से खेल और सन 2025 आईपीएल में भी वह किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से खेलते दिखाई देंगे। दोस्तों शिखर धवन आज क्रिकेट जगत में एक बड़ा नाम बन चुके हैं परंतु उनकी शुरुआती जीवन के बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं तो चले दोस्तों आज के आर्टिकल में हम आपको शिखर धवन के जीवन के बारे में बताते हैं जो शायद ही आपने कभी सुना होगा।
Shikhar Dhawan का शुरुआती जीवन
इस कहानी की शुरुआत 5 दिसंबर सन 1985 को शुरू होती है जब शिखर धवन का जन्म देश की राजधानी दिल्ली में हुआ। शिखर धवन के पिता का नाम महेंद्र पाल धवन था तथा उनकी माता का नाम सुनैना धवन था। साथ ही उनकी एक छोटी बहन भी है जिनका नाम श्रेष्ठआ धवन है।
शिखर धवन ने अपनी शुरुआती शिक्षा सेंट मार्क सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की थी।
Shikhar Dhawan का क्रिकेट करियर
शिखर धवन को क्रिकेट बचपन से ही पसंद था और इस खेल को पसंद करने का सबसे बड़ा कारण था उनके चचेरे भाई जो पहले किसी क्लब की तरफ से क्रिकेट खेला करते थे जिन्हें देखकर ही धवन भी क्रिकेट के लिए इंस्पायर्ड हुए और क्रिकेट खेलने की इच्छा उनके अंदर जागृत हुई। शुरू में तो धवन ने गली क्रिकेट में ही अपने टैलेंट का लोहा बनवाया परंतु जब उनके टैलेंट को उनके घर वालों ने देखा तो उनका एडमिशन एक क्रिकेट क्लब में करवा दिया। और उन्होंने उसे क्रिकेट क्लब में तारक सिन्हा के अंडर में अपना प्रशिक्षण कार्य शुरू किया।
जब वह क्रिकेट क्लब में खेलने के लिए आए तो वह एक विकेटकीपर बल्लेबाज थे परंतु अपने कोच के कहने पर उन्होंने विकेट कीपिंग से अपना ध्यान हटाकर बल्लेबाजी पर अपना ध्यान केंद्रित किया और धीरे-धीरे उन्होंने अपने क्रिकेटिंग स्किल में सुधार किया और जल्द ही वह दिल्ली की अंदर 16 क्रिकेट टीम का हिस्सा बन गया।
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और आगे चलकर मार्च 15 साल की उम्र में ही उनका सिलेक्शन दिल्ली की अंदर-19 क्रिकेट टीम में हो गया। और उन्हें क्रिकेट टीम का कप्तान बना दिया गया उनके अच्छे प्रदर्शन के कारण ही उन्हें इंडिया की सन 2004 की अंदर-19 क्रिकेट टीम में भी उन्हें जगह मिली और उनके लगातार अच्छे प्रदर्शन के कारण उन्हें टीम इंडिया के दरवाजे से ज्यादा दिनों तक दूर नहीं रहना पड़ा।
वह जल्दी भारतीय टीम में डेब्यू कर लिए और जब उन्होंने भारतीय टीम में डेब्यू कर लिया तो उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से भारतीय टीम में अपना एक अलग ही जगह बना लिया और वह भारत के सबसे आक्रामक बल्लेबाजों में गिने जाते हैं इन्होंने आईपीएल में भी एक बिहारी बिस्किट बल्लेबाज के रूप में अपनी पहचान बनाई है उनके फैंस इन्हें प्यार से गब्बर के नाम से बुलाते हैं जो किसी से नहीं डरता चाहे कोई भी हो।
निष्कर्ष:
दोस्तों हम Shikhar Dhawan के जीवन से बहुत कुछ सीख सकते हैं कि कैसे इनके जीवन में बहुत सारी कठिनाइयां होते हुए भी इन्होंने अपने क्रिकेट के लिए कभी भी हर नहीं मानी और क्रिकेट खेलते रहे इनका बेटा इनसे दूर हो गया उनकी पत्नी से तलाक होने के बाद परंतु फिर भी इन्होंने क्रिकेट के लिए अपना प्यार कम नहीं होने दिया और क्रिकेट खेलते रहे।
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उनके चेहरे के ऊपर मुस्कान से उनके फैंस बहुत खुश होते हैंइनकी बीवी ने इन्हें धोखा दिया और उनके बेटे को भी लेकर अपने साथ ऑस्ट्रेलिया चली गई फिर भी शिखर धवन रोते हुए मां के साथ क्रिकेट खेलने आते प्रैक्टिस करते और वह आज भी आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान के रूप में देखे जाते हैं तो दोस्तों हम शिखर धवन के जीवन से प्रेरणा ले सकते हैं कि हमें अपने कार्य को हर हालत में करना चाहिए।